मोबाइल फोन बैटरी मिथ | Top 12 smartphone battery myth in hindi | Battery myth

जानिए बैटरी को लेकर ऐसे टॉप 12 झूठ, Top 12 myth battery in hindi, mobile battery myths, Smartphone battery myths, Battery myths


दोस्तों अगर आज के समय की बात की जाए तो आपको हर जगह बैटरी देखने को मिल जायेगी मतलब स्मार्टफोन, टैबलेट, लैपटॉप, वॉच, इयरफोन और तो गाड़ियों मैं भी आपको बैटरी देखने को मिल जाती हैं. लेकिन बैटरीज के साथ ग़लतफ़हमी भी जुड़े हैं यानी कि काफी सारे मिथ हैं जो की सबको एक-एक करके बताते हैं क्योंकि लोगों के मन में कन्फ्यूजन रहता है. क्योंकि जिस तेजी इस समय पर बैटरी विकसित हो रही है चार्जिंग की स्पीड बढ़ रही है 100 वोल्ट, 200 वोल्ट के चार्जर मार्केट में आ रहे हैं तो लोगों के मन में भी कुछ सारे कंफ्यूजन है कुछ बैटरी वाले में यहां ग़लतफ़हमी को क्लियर करते हैं और पता करते हैं पीछे कि आखिर सच्चाई क्या है.

मोबाइल फोन बैटरी मिथ | Top 12 smartphone battery myth in hindi | Battery myth


ज्यादा वोल्टेज का चार्जर क्या मोबाइल के लिए खतरा हैं | 100 volt charging is dangerous

सबसे पहले हम बात करेंगे नए फास्ट चार्जर की क्योंकि आज क्या हो रहा हैं की 100 वोल्ट, 120 वोल्ट चल तो कॉमन ही हो गए हैं और तो 240 वोल्ट का चार्जर भी आने वाला है भविष्य में क्या है पता है कंपनी वाले 1000 वोल्ट का चार्जर भी निकाल दे खेर बात यहां पर यह है कि इतनी हाई स्पीड चार्जर से लोगों को यह रहता है कि फोन की बैटरी जल्दी खराब तो नहीं होगी, या फिर हमारा फोन फट तो नहीं जाएगा क्योंकि फास्ट चार्जिंग तो खराब रहती है तो फिर इतनी ज्यादा वोल्ट का क्या पीछे की सच्चाई यह है.

कि जो fast charging जो रहती है वह हमेशा हद से ज्यादा हाई स्पीड मैं काम नहीं करती की बात करें तो यहां पर चार्जर को 100 वोल्ट, 150 वोल्ट की स्पीड अचीव करने के लिए सर्टेन क्राइटेरिया होता है से पहले तो बूस्ट मोड़ रैपिड मोड यह सब इनेबल करना पड़ता है दूसरी चीज फोन के अंदर कोई भी एप्लीकेशन चालू नहीं होनी चाहिए फोन एयरप्लेन मोड के अंदर होना चाहिए और यहां पर बात की जाए तो फोन का जो एमबीएम टेंपरेचर होता है वह भी कम होना चाहिए और रूम का टेंपरेचर होता है वह भी 20 से 25 डिग्री सेल्सियस तक होना चाहिए और फोन के अंदर कोई भी एप्लीकेशन खुली हुई नहीं चाहिए.

उस केस के अंदर आप अपना स्मार्टफोन चार्ज करेंगे तो स्मार्टफोन जल्दी चार्ज होगा, लेकिन एक बात बताऊ पहले 50% तक जल्दी चार्ज होगा उसके बाद लगातार यह तेजिसे स्लो चार्ज होगा क्योंकि एक राज की बात है जो कि स्मार्टफोन की बैटरी को ना जल्दी चार्ज होना पसंद है ना जल्दी डिस्चार्ज होना.

फास्ट चार्जिंग बैटरी के लिए क्या अच्छी है | is fast charging bad for battery

लेकिन अगर यह सब बहुत बार होता है तो फोन की बैटरी सेफ रेहती ऊसके अंदर कोई प्रॉब्लम नहीं आती लेकिन फोन फोन की बैटरी की हेल्थ कम होती रहती है. यह वैसी ही बात है की अगर आप रोजाना फास्ट चार्जिंग का इस्तेमाल करेंगे बिल्कुल आइडियल केस की तरह चार्ज करेंगे अगर उसके बाद साल भर के बाद देखेंगे तो 5000 एमएएच की बैटरी 4000 एमएएच की बैटरी तक ही रह जायेगी यह एक चीज हो सकती है.

और यह बात भी में आपको बता सकता हूं की फास्ट चार्जिंग तभी काम करती है जब आइडियल कंडीशन है कोई भी चीज ऊपर नीचे हुई जैसे की गर्मी ज्यादा हो गई या फोन का टेंपरेचर ज्यादा हो गया कोई ऐप खुली हुई हो कुछ भी हो गया यह फास्ट चार्जिंग 100% क्षमता के साथ काम नहीं करेगी आपका जो फोन है वह कम स्पीड के साथ चार्ज होगा और यह दिक्कत है. इसलिए मैं कहता हूं कि फास्ट चार्जिंग एक अच्छी चीज है लेकिन क्या बैटरी के हेल्थ के लिए वह ठीक है यह एक बड़ा सवाल है?

क्योंकि अभी देखा जाए तो मोबाइल की बैटरी में ग्राफिनो और दूसरे एलिमेंट्स का भी इस्तेमाल करते हैं अब देखना है कि इससे क्या फोन की बैटरी पर प्रभाव पड़ता है. लेकिन अभी तक हमें इतना ही पता है कि लिथियम बेस बैटरी लिथियम आए, लिथियम पॉलीमर इनको ना जल्दी चार्ज होना पसंद है ना जल्दी डिस्चार्ज होना पसंद है अगर ऐसा होता है तो इनके बैटरी के हेल्थ पर परिणाम होता है.


बैटरी 100% हैं फिर भी फुल चार्ज नहीं कैसे? | 100% battery but not full charge

और इससे बड़ा मिथ यहां पर यह है कि 100% बैटरी चार्ज होने पर भी बैटरी के अंदर और कैपेसिटी रहती है, चार्ज करने की यह बात सही है लिथियम बेस बैटरी इस तरह से बनाया जाता है कि वह 100% चार्ज हो जाए तो जो लिथियम आईएसओ रहते हैं वह रहेंगे बैटरी के अंदर कुछ इलेक्ट्रॉन flow नहीं करेंगे पूरी तरह से. क्योंकि पीछे का रीजन यह हैं की बैटरी को यहां पर स्टेबल बनाया जाता हैं क्योंकि सारे आयरन, सारे इलेक्ट्रॉन को एक तरफ मूव करदे एक इलेक्ट्रॉन के ऊपर इससे यह होगा की सेल्स स्ट्रक्चर मैं अस्थिरता आ जायेगी और यह बैटरी के लिए बहुत खतरनाक चीज होगी स्थिरता बनाने के लिए आपको 100% जो बैटरी रहती है उसके बावजूद कुछ ऐसे चार्जेस रहते हैं जिन्हें छोड़ दिया जाता है और लेकिन बैटरी के जो 100% तक कैपेसिटी रहती है उसे हम सही रूप में माप नही सकते, क्युकी बैटरी के अंदर जो सेल्स रहते हैं वहा पर आइनसो और इलेक्ट्रॉन जो रहते हैं जिसकी वजह से चीजे ऊपर नीचे होते रहते हैं.


बैटरी सेल | Cell balancing | battery cell balancing

और ऐसी ही चीज हमारे सामने आती हैं सेल बैलेंसिंग, क्या कभी आपके साथ ऐसा हुआ है की आपने पावर बैंक को चार्ज कर रहे हो और घंटो घंटो तक चार्ज किया लेकिन जब आप अपने स्मार्टफोन को चार्ज कर रहे हो तब पावर बैंक जल्दी ही डिस्चार्ज हो जाए, यह जो सेल बालंसिंग की समस्या आती हैं वह आती है जब एक से ज्यादा सेल इस्तेमाल किए गए हो, मोबाइल मैं एक ही सेल इस्तेमाल किया जा रहा हैं वैसे तो 2 बैटरी इस्तेमाल हो रही हैं जिसे की 2 सेल हो गए तो वहां पे चीजों पता लगाना आसान रहता हैं की आखिर कोनसा सेल कितना चार्ज हैं.

लेकिन जहां पे 1 से ज्यादा सेल होते हैं उदाहरण के लिए पावरबैंक, लैपटॉप और कुछ इलेक्ट्रिक गाडियां हो गई यहां पर मल्टीपल सेल रहते हैं वहां पे सिस्टम को पता लगाना काफी मुश्किल हो जाता हैं की सारे सेल बराबर चार्ज हैं की नही. और अगर इसमें समस्या होती हैं तो अचानक से आपकी बैटरी जल्दी चार्ज हो जायेगी क्योंकि उसे लगेगा की कम चार्ज है लेकिन हैं लेकिन बैटरी जल्दी ही चार्ज हो जायेगी और कई बार तो यही रहता है की आपको लग रहा है की बैटरी फुल चार्ज हैं, लेकिन थोड़ासा ही यूज करने से बैटरी के अंदर एक ड्रॉप आगया और बैटरी 0% हो गई यह समस्या हमेशा से ही सेल बालंसिंग की वजह से होती हैं और इसे सॉल्व करने का एक ही तरीका रहता हैं, की पहले बैटरी को 0% तक ले जाओ और फिर 100% तक चार्ज करदो और 100% होने के बावजूद भी थोड़े समय तक उसे चार्ज होने दो जो की वह सारे के सारे सेल्स वह चार्ज हो जाएंगे.


क्या सेल फ़ोन एयरप्लेन मोड में तेज़ी से चार्ज होता हैं | do cell phones charge faster in airplane mode 

और सबसे बड़ा मिथ यह है कि स्मार्टफोन मैं एयरप्लेन मोड ऑन रहेगा तो बैटरी जल्दी ही चार्ज हो जाएगी यह बात सही है अगर आप 150 वोल्ट की चार्जिंग में स्मार्टफोन को जल्दी ही चार्ज करना है 5 मिनट में 50% एयरप्लेन मोड ऑन करना पड़ेगा लेकिन क्या नॉर्मल फोन को क्या एरोप्लेन मोड ऑन करने से फर्क पड़ता है जी हां फर्क तो पड़ता है लेकिन यहां पर एक बात है की 2014 में एक रिसर्च हुई थी उसमें यह पता चला था कि अगर आप एयरप्लेन मोड ऑन रखकर चार्ज करोगे तो सिर्फ 4 या 5 मिनट का ही फर्क पड़ता हैं, जी हां सिर्फ 4 या 5 मिनट का ही फर्क पड़ता है, अब आप खुद देख सकते हैं की जल्दी चार्ज करना हैं तो आप एयरप्लेन मोड ऑन रख सकते हैं लेकिन आप कॉल अटेंड नहीं कर सकते.


वाईफाई और ब्लूटूथ बंद करने से मोबाइल जल्दी चार्ज होता हैं | Wi-fi and bluetooth off while charging

और बैटरी की चार्जिंग बचाने के लिए कहा जाता है ना वाईफाई और ब्लूटूथ को बंद कर दो जी हां यह बात तो बिल्कुल सही है, वाईफाई बंद करने से ब्लूटूथ बंद करने से स्मार्ट फोन की बैटरी पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है यहाँ तक की आप अपने स्मार्टफोन का जीपीएस (Location) बंद कर दे. उसका भी और लोकेशन सर्विस भी बंद कर दे यहां तक कि आप वाईफाई स्कैनिंग ब्लूटूथ स्कैनिंग बंद कर दे इन चीजों का बहुत ज्यादा प्रभाव बैटरी के ऊपर पड़ता है अगर आप यह सारी चीजें बंद कर देंगे तो बेशक आपकी स्मार्टफोन की बैटरी ज्यादा देर तक चलेगी.


बैटरी जल्दी चार्ज करने के लिए हाई वोल्ट चार्जर इस्तेमाल करना | high voltage mobile charger | high voltage charger for mobile

इसके साथ लोगो के मन में यह सवाल आता हैं की अगर हम अपने मोबाइल फोन को ज्यादा वॉट के चार्जर से चार्ज करेंगे तो क्या हमारा मोबाइल फोन जल्दी चार्ज होगा या नहीं.

जैसे की बात करे तो 120 वॉट के चार्जर से क्या 20 वॉट का मोबाइल जल्दी चार्ज होगा या नहीं? तो दोस्तों ऐसा हमेशा नही होता अगर हम आज के जमाने के चार्जर के जो फास्ट चार्जर हैं वह हमेशा जो ज्यादा करंट होता है जो ज्यादा चार्ज होता है वह कभी प्रोवाइड नहीं करता. पहले चार्जर मोबाइल से वायर के माध्यम से बात करता है कि सारी चीजें बराबर है कि सब कुछ अनुकूल है और उसके बाद ही उसके बाद वह फोन को चार्ज करता है, अगर आप रेगुलर फोन को फास्ट चार्जर फोन को कनेक्ट करेंगे तो जो की रेगुलर फोन कि जो मैक्सिमम कैपेसिटी है उसी पर ही वह फोन चार्ज होगा.

अगर वह चार्जर उस फोन को सपोर्ट करता है जैसे कि मोबाइल फोन 18 वॉट चार्जिंग को सपोर्ट करता है तो वह फोन 18 वॉट तक चार्ज करेगा, अगर आपका फोन 45 वॉट का है और आपका चार्जर 45 वॉट सपोर्ट नहीं करता तब भी वह स्लो स्पीड पर ही चार्ज करेगा यह कंपैटिबिलिटी की दिक्कत है ऐसी चीजें लोगों को समझनी चाहिए. कि फास्ट चार्जर लेने का मतलब यह नहीं होता कि आपके फोन को वह जल्दी ही चार्ज करेगा जब तक के मोबाइल और चार्जर की अनुकूलता एक जैसी ना हो.

और यहाँ तक की ब्रांड के चार्जर में भी फर्क होता है जैसे कि आईक्यू (Iqoo) 120 वॉट और श्याओमी मैं 120 वॉट का चार्जर मिलता हैं लेकिन दोनों का स्टैंडर्ड अलग है और 120 वॉट का मतलब यह नहीं होता कि यह एक दूसरे स्मार्टफोन को चार्ज करने के लिए अनुकूल होंगे, अगर वह अनुकूल नहीं होंगे तब वह स्लो स्पीड से ही चार्ज होंगे.


लैपटॉप से मोबाइल चार्ज करना | Use laptop to charge phone | is it good to charge phone from laptop

और यहां पर कुछ लोग कहते हैं की स्मार्टफोन को लैपटॉप से चार्ज मत करो नही तो आपका स्मार्टफोन की बैटरी खराब हो सकती हैं यह बात बिलकुल गलत हैं लैपटॉप से आप स्मार्टफोन चार्ज कर सकते हो, बस वह मोबाइल फोन स्लो चार्ज होगा.

और इसकी साथ मैं कई लोग कहते हैं की स्मार्टफोन चार्ज करके बंद रखोगे तो उसकी बैटरी सालों साल चलेगी यह बात कुछ हद तक तो सही हैं कुछ दिन बाद बैटरी मैं समस्या आ सकती है.


मोबाइल को ठंडी जगह चार्ज करना | charge your phone at cool place at home | charge your phone at cool place daily

बहुत-बहुत सारे लोग यह सोचते हैं कि अगर वह स्मार्टफोन ठंडी जगह चार्ज करेंगे तो आपके स्मार्टफोन की बैटरी गर्म नहीं होगी जिससे कि स्मार्टफोन जल्दी ही चार्ज होगा. लेकिन यह बात कुछ हद तक सही हैं लेकिन जैसे की मैं ने जैसे की आपको पहले ही बताया स्मार्टफोन की लिथियम बैटरी को ज्यादा ठंडी जगह ना गर्म जगह पसंद हैं स्मार्टफोन को एक स्थिर तापमान चाहिए ऐसे स्थि‍ति मैं ही बैटरी जल्दी चार्ज होगी.


अगर चार्जर सॉकेट मैं लगाकर रखे तो क्या होगा | Leaving charger in socket | leaving charger in socket

काफी लोगो के अंदर यह ग़लतफ़हमी रहती है की अगर आप चार्जर प्लग मैं लगा कर रखोगे तो वह चार्जर इलेक्ट्रिसिटी इस्तेमाल करता रहेगा यह बात तो सही हैं लेकिन आज के जमाने के चार्जर इतने स्मार्ट हो गए हैं की इसे कोई डिवाइज लगाकर नही रखोगे तो बिजली इस्तेमाल करता हैं लेकिन इसकी मात्रा काफी कम होती हैं इसे आप (Ghost electricity) भी कह सकते हैं.


मोबाइल बैटरी 0 से 100 पर्सेंट चार्ज करना | Battery charge 0 to 100

जैसे की काफी लोगो की बुरी आदत यह रहती हैं की वह स्मार्टफोन की बैटरी को 0% तक ले जाते हैं और फिर 100% चार्ज करते हैं लेकिन यह आपकी आदत आपके मोबाइल को बैटरी को खराब कर सकती हैं. बैटरी को 0% तभी करनी चाहिए जब आपको लगता हैं की बैटरी बैकअप अच्छा नही हैं, बैटरी जल्दी डिस्चार्ज हो रही हैं जिससे की आपके मोबाइल यह पता चल जाए की बैटरी की असली कैपेसिटी क्या हैं, यह चीज सभी इलेक्ट्रिक डिवाइज के लिए लागू होती हैं आपको हमेशा आपके स्मार्टफोन की बैटरी को 20% ले जाओ और 80% तक चार्ज करो इस केस में आपके फोन की बैटरी की हेल्थ बहुत अच्छी रहेगी.


क्या मोबाइल मैं नई बैटरी डालने से फोन फास्ट होगा | a new battery new life to phone

दोस्तों अगर आपको लग रहा है कि आज के समय में आपके फोन में ज्यादा समस्या आ रही है तो कई बार यह समस्या फोन की बैटरी पुरानी हो गई इसलिए भी आ सकते इसलिए आपके फोन में नई बैटरी डालिए इस समस्या का अच्छा उदाहरण आप आईफोन कोई देख सकते हो क्यूंकि आईफोन की बैटरी पुरानी होने के कारण उसकी परफॉर्मेंस स्लो हो जाती है लेकिन जब आप उसके अंदर नई बैटरी डालते हो उसके परफॉर्मेंस डबल हो जाती है.


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