फोल्डेबल स्मार्टफोन स्क्रीन कैसे काम करती हैं | How foldable screen works in hindi

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दोस्तों अगर मैं आपसे पुछु की भविष्य में ज्यादा स्मार्टफोन कैसे आयेंगे तो शायद आपका जवाब होगा फोल्डेबल फोन (Foldable phone) क्योंकि अगर देखा जाए तो फोल्डेबल स्मार्टफोन ज्यादा पॉपुलर हो रहे हैं लेकिन जो फोल्डेबल स्मार्टफोन अब आ रहे हैं वह कुछ ज्यादा ही महंगे आ रहे हैं जैसे की सैमसंग का फोन देख लीजिए और आगे आने वाले सालों मैं एप्पल कंपनी (i-phone) भी अपना फोल्डेबल स्क्रीन वाला महंगा स्मार्टफोन लाने वाली हैं।

लेकिन जो भविष्य में फोल्डेबल स्क्रीन की जो टेक्नोलॉजी आ रही हैं जिससे की यह होगा की आपको 15 से 25 हजार तक फोल्डेबल स्क्रीन का स्मार्टफोन देखने को मिल सकता हैं। लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा की फोल्डेबल स्क्रीन स्मार्टफोन इतने लंबे समय से आ रहे हैं आखिर यह स्मार्टफोन काम कैसे करते हैं और आपको स्मार्टफोन मैं ओलेड डिसप्ले (OLED DISPLAY) ही क्यों देखने को मिलता हैं। फोल्डेबल स्मार्टफोन के अंदर एलसीडी डिसप्ले (LCD DISPLAY) नही आ सकता या फिर एलसीडी स्क्रीन फोल्ड नही हो सकती? और ऐसे कई सवाल की स्मार्टफोन मैं फोल्डेबल स्क्रीन कैसे काम करती हैं?

फोल्डेबल स्मार्टफोन स्क्रीन कैसे काम करती हैं | How foldable screen works in hindi


फोल्डेबल डिसप्ले के प्रकार | Mobile display types |Types of display | Touch screen types

अगर बात डिस्प्ले की करें तो आपको तरह-तरह के डिस्प्ले मिलेंगे जाने के फ्लेक्सिबल डिस्प्ले या फिर रिजिद डिस्पले (Rigid display) इन सबके अंदर डिस्प्ले बनाने का तरीका बिल्कुल सेम ही है यहां तक की बात करें तो आपको वैरायटी डिस्प्ले मिलते हैं

  1. Lcd display
  2. Amoled display
  3. Curve display
  4. Foldable screen display
  5. OLED display
  6. Mini Lcd display 
  7. Micro led Display


फ्लेक्सिबल डिस्प्ले की शुरुआत | Start of flexible display | Flexible display | Flexible screen

अगर देखा जाए तो डिसप्ले तो यहां पर तरह-तरह के तैयार है लेकिन वही बात करें फोल्डेबल डिस्प्ले की अगर आपको लगता है 2019 मैं सैमसंग फोल्डेबल डिस्प्ले स्मार्टफोन लाया था लेकिन असलियत में बात यह हैं की यही चीज इससे भी पुरानी है यहां तक की कर्व डिस्प्ले (Curve display) फोन आना चालू हुए थे जिसके की सैमसंग S8 वोह भी 2014 मैं वह भी एक ऐसा फोन निकल के आया जिस के अंदर आपको कर्व डिस्प्ले देखने को मिलता था यानी कि मोबाइल के डिस्पले को अंदर से फोल्ड किया गया था यहाँ तक की आईफोन 10 मैं जो डिस्प्ले था नोच वाला उस डिस्प्ले को भी उन्होंने नीचे से फोल्ड किया हुआ था यानी कि फ्लैक्सिबल फोल्डेबल स्क्रीन ज्यादा मौजूद थी।

और यहाँ तक बात की जाए तो एक ज़माने में एलजी (LG) ने भी एक कर्व डिस्प्ले वाला फोन बनाया था जिसका नाम था एलजी फ्लेक्स (LG FLEX) इस मोबाइल के अंदर भी उन्होंने (P-OLED) डिस्प्ले इसेमाल किया गया था पहली बार जी हां जो P-OLED जिसे हम आज के समय में स्मार्टफोन मैं देख रहे हैं। उसे की मोटोरोला के फोन मैं आ रहा हैं यह LG कंपनी पहले ही उसे इस्तेमाल कर चुकी हैं और LG इसका मुख्य डिस्प्ले बनाने वाली कंपनी थी।

जिसके अंदर P का मतलब प्लास्टिक यानी कि प्लास्टिक डिस्प्ले बनाने मैं प्लास्टिक सब्सटेंस का इस्तेमाल किया जायेगा जिस के अंदर फ्लैक्सिबिलिटी आ जाएगी और जिसे आप किसी भी तरह फोन मैं फोल्ड करके लगा सकते हैं। शुरुआत में कहानी यही से शुरू हुई थी नॉर्मल डिस्प्ले को कर्व बनाकर फोल्ड बनाकर एक रिजीड (RIGID) ग्लास के अंदर डाल दिया था जिससे कि उसे कोई डैमेज ना हो और जो उन्होंने जो भी चीज को सेट कर दिया वह वैसी की वैसी की रहे इसी तरह से फोल्डेबल स्क्रीन की कहानी शुरू होती है।


फोल्डेबल डिस्प्ले के साथ समस्या | problem with foldable display mobile | problem with foldable display screen

लेकिन यहां से काफी सारे problem with foldable phone सामना भी करना पड़ता है जैसे कि आप फोल्डेबल पर स्क्रीन को फोल्ड करें उसे मोड़ने में यहां पर उस में दिक्कत आएगी और ज्यादा उसे फोन को खोलेंगे बंद करेंगे जिस के कारण उस फोन को नुकसान भी हो सकता है और डिस्प्ले के पिक्सेल भी खराब हो सकते हैं। और कई अन्य सारे मोबाइल स्क्रीन ड्यूरेबिलिटी समस्या हैं, इन्ही समस्या को सुलझाने में कई साल लग गए।

यहां तक की उन्होंने फोल्डेबल डिस्प्ले भी बना लिया था लेकिन उसके बाद उनके लिए सबसे ज्यादा समस्या यह थी की बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन कैसे किया जाए? 

आप लैब के अंदर एक अच्छा प्रोडक्ट तो बना लोगे मगर इस प्रोडक्ट को दोहराना वोह भी एक बड़ी फैक्ट्री के अंदर यह भी बड़ा एक चुनौतीपूर्ण काम था ओर इसे प्राप्त करने लिए अलग-अलग चीजें की गई यहां तक की क्या आपको यह पता है की इसके अंदर ओलेड डिसप्ले क्यों इस्तेमाल किया गया? इसकी वजह यह थी की वह डिस्प्ले पतला था, हल्का था, और उसके अंदर स्ट्रक्चरल स्टेबिलिटी देखने को मिलती हैं और वही एलसीडी डिस्प्ले के अंदर पीछे की तरफ बैक लाइट देखने को मिलती हैं और वोह इसलिए थोडासा थिक इसीलिए उसके बारे नही सोचा गया।


फोल्डेबल फोन डिस्प्ले के अंदर क्या होता हैं | What inside foldable smartphone screen

जो साइंटिस्ट हैं वह फोल्डेबल एलसीडी डिस्प्ले भी बना चुके हैं मगर लेकिन फोल्डेबल फोन मैं ज्यादा ओलेड (OLED) डिस्प्ले का इस्तेमाल किया जाता हैं। और उस रेगुलर OLED display मैं Inside screen बहुत सारे इस्तेमाल किए जाते हैं।


1. Sub thred layer 

पहले जो बेस लेयर रखी जाती हैं वह सब थ्रेड (Sub thred) जिसके ऊपर सारी लेयर रखी जाएंगी और नीचे की लेयर यह तय करेगी की वह रिजीद (rigid) रहेगी या फोल्डेबल रहेगा उसके अंदर कितनी स्ट्रेंथ रहेगी यानी की फ्लेक्सिबिलिटी कितनी रहेगी यह उसकी बेस लेयर हैं। और जो सबस्टेट हैं वह प्लास्टिक से बनया जाता हैं क्योंकि उसका इस्तेमाल करके फ्लैक्सिबल डिस्प्ले बनाना आसान हैं जो की टिकाऊ भी रहे।

और आप उसे पूरी तरीके से फोल्ड करले,खोल दे, बंद कर दे फिर भी उसकी जो मजबूती है वह यहां पे ढीली नही होती और इन्ही सबके कारण पॉलीमर का इस्तेमाल या प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाने लगा हैं, इसके कारण आपको जितने भी डिस्प्ले हैं आपको यही देखने को मिलते है।


2. TFT layer (Thin film transistor)

अब टीएफटी (TFT) लेयर का नाम सुनकर लोगो के मन में काफी खराब डिस्प्ले आते हैं, क्योंकि TFT display को इस तरह ही बढ़ावा दिया गया है की इस डिस्प्ले को खराब माना जाता हैं, लेकिन जो TFT डिस्प्ले का काम यह रहता हैं की (Thin film transistor) और ओलेड डिस्पले TFT वही काम करता हैं जो की ओलेड डिस्पले को एक ओलेड डिस्पले बनाता है।

क्योंकि TFT का ही इस्तेमाल करके indi vision pixel (इंडी विजन पिक्सेल) को नियंत्रण किया जाता हैं। और indi vision pixel (इंडी विजन पिक्सेल) को बंद करके हमे काला (Black) और स्याही वाले काले (inky black) रंग प्राप्त कर सकते हैं। तो आपको कोई भी ओलेड, एमोलेड डिस्पले वाला फोन इस्तेमाल करले उस चीज को ओलेड बनाती है वह खुद एक थीन फिल्म ट्रांजिस्टर (Thin film transistor) होती है।


3. OLED Layer

और तीसरी ले आपको ओलेड (OLED) देखने को मिलती हैं यानी की organic light emitting diodes, जहां पर आपको कैथोड्स देखने को मिलती है, एनोड्स देखने को मिलती है, एक लेयर मिलती हैं ऑर्गेनिक लाइट एमिटिंग डायोड्स मैटेरियल की, यानी की एक इंडिविजुअल पिक्सेल रहता है अपने इंडिविजुअल तरीके से लाल,नीला, हरा कलर को निकाल सकता हैं जैसे उसके अंदर व्यवस्था की हो और आपको एक उत्तम कलर देखने को मिलता हैं हमें गहरी स्याही वाला काला कलर भी मिलता है। और काफी सारे सैचुरेशन लेवल मिलता हैं। और इंडी विजन पिक्सेल पर नियंत्रण होगा और उसकी ब्राइटनेस उसकी समायोजित कर सकते है। 

जिसकी वजह से डिसप्ले पैनल की क्वालिटी भी अच्छी देखने को मिलती हैं, और उसे फोल्डेबल भी बना सकते है


4. Ultra thin glass

क्या आप लोगो को पता हैं शुरुवाती दौर में अल्ट्रा थीन ग्लास उपलब्ध नहीं था और गैलेक्सी का जो फोल्ड 1 आया था उस फोन मैं इन्होंने प्लास्टिक का ग्लास को लगाया था जो की कुछ इस तरह था की एक प्लास्टिक की शीट की जैसा लगता था, और कुछ लोगो ने उसे निकाल दिया तो उस डिस्पले ने काम करना बंद कर दिया, समस्याएं आने लग गई, अगर उसे जोर से दबाया तो अंदर का डिस्पले डैमेज हो रहा था।

यह पहली जेनरेशन मैं काफी बड़ी समस्या थी जिसकी आगे चल कर अल्ट्रा थीन ग्लास का इस्तेमाल कर के ठीक किया गया, अल्ट्रा थीन ग्लास वह रहता हैं जो की ग्लास जैसे गुण अपने साथ लेकर आता हैं लेकिन उसके अंदर प्लास्टिक की फ्लेक्सिबिलिटी रहती हैं जैसे की आप फोन को फोल्ड कर सके तो उसके अंदर फ्लेक्सिबिलिटी हैं। आज के समय में यह एक सबसे ज्यादा महंगा पार्ट है फोल्डेबल फोन का और इसे बनाने की लागत Amoled डिस्पले बनाने के समान रहेगी, लेकिन अल्ट्रा थीन ग्लास एक ऐसी चीज रहती हैं जिसे बना पाना थोड़ा सा भी कठिन रहता हैं और यह थोड़े महंगी भी होती हैं। फोल्डेबल स्क्रीन की सुरक्षा करने वाली यही एकमात्र चीज है और नियमित कठोर Rigid ग्लास स्क्रीन को बचा सकता है लेकिन मोड़ नहीं सकता।


दो प्रकार के फोल्डेबल डिस्पले स्क्रीन | two types of foldable screen explain | two types of foldable screen phone

आपको स्मार्टफोन मैं 2 तरह के डिस्प्ले होते हैं 1) inward fold, 2) outer fold अब जो inward fold है अब जो inward fold phone होता हैं वह अंदर की तरफ जैसे की सैमसंग गैलक्सी जेड फोल्ड 3 की तरह इसमें समस्या यह है की आपको डिस्प्ले पर क्रीज देखने को मिलती हैं क्योंकि वह अंदर की तरफ फोल्ड हो रहा हैं, उसपर दबाव आ रहा है। लेकिन जैसे की हुवाई (Huwai) ने किया हुआ था outer fold तो इसका फायदा यह था की क्रीज को यह रोक सकता है पर इसका नुकसान यह है फोन कही गिर गया तो फोन का डिस्पले टूट सकता हैं, स्क्टेचेस आ सकते हैं।


फोल्डेबल स्मार्टफोन स्क्रीन से परे | Beyond foldable smartphone screen

इसी के साथ बात करें तो एक जैसी टेक्नोलोजी हम फोल्डेबल स्माटफोन तक ही नहीं रख सकते यह हम रोलेबल के अंदर भी रख सकते यहाँ तक की सोनी ने रोलेबल टीवी भी बनाया समान संकल्पना पर उम्मीद है, हम एक रोलिंग फोन को 2 या 3 सालों में देख सकते हैं। ओप्पो की ऐसे चीजे हम देख चुके हैं।

लेकिन मोबाइल फोन कंपनी आज के समय में फोल्डेबल डिस्पले पर ध्यान तो दे रही हैं पर आज के समय सैमसंग जैसी कंपनी फोल्डेबल डिस्पले में महारत हासिल कर ली और काम भी कंपनियों को भी दे रही है। लेकिन खुद की रिसर्च डेवलपमेंट की बारी आती हैं तो यह लोग अपने हिंजेस पर भी काम करते हैं, और है जो कंपनी अपने फोल्डेबल फोन बनाएंगी वह हिंजेस के ऊपर रखेंगी और हिंजेस ऐसी चीज हैं जो वह तय करता हैं की वह कितनी तेजी से बंद होगा कितना फोर्स लगाने के ऊपर खुलेगा क्रीज आएगा या नही आयेगा और जो डस्ट पार्टिकल रहेंगे वह हमेशा हिंजेस के माध्यम से कही ना कही आयेंगे और डिस्पले को खराब कर सकते हैं। 

इसीलिए हिंजेस के ऊपर काफी ज्यादा काम किया जा रहा हैं, और यह कुछ चीजे रहती फोल्डेबल फोन मैं जो लेकिन अभी के समय में फोल्डेबल फोन एक अच्छी स्टेट हैं और भविष्य में लगता है की फोल्डेबल या रोलेबल या अलग अलग टाइप की चीजे आपको देखने को मिल सकती है।


फोल्डेबल स्मार्टफोन अभी तक इतने पॉपुलर क्यों नही हैं | Why foldable smartphone is still not popular

लेकिन बात यह है की फोल्डेबल स्मार्टफोन इतने समय बाद भी मार्केट मैं पॉपुलर क्यों नही हुआ? यह तो 2019 में आया था हर 2022 में गिनी चुनी हुई कंपनी या ही इसे बनाती हैं और गिने चुने हुए ही फोल्डेबल फोन है। नई चीज मार्केट में क्यों नहीं है इसके पीछे का कारण यह है कि अभी भी फोल्डेबल फोन को बनाना बहुत महंगा और मुश्किल है सैमसंग के सिर्फ साउथ कोरिया में एक फैसिलिटी है जहां पर फोल्डेबल फोन बनाते हैं और पूरी दुनिया में उस फोन को बेचा जाता हैं।

अगर भविष्य में फोल्डेबल फोन बनाना सस्ता पड़ जाए और कम जटिलता कम हो जाए तो आपको बहुत सस्ते दाम पर। सैमसंग ने तो यहां पर अपनी पूरी फैक्ट्री डालकर अब जैसे जैसे फोल्डेबल डिस्पले पॉपुलर होंगे वैसे दूसरी कंपनियां भी फोल्डेबल डिस्प्ले बनाएंगी जिससे की हमे और सस्ते फोल्डेबल फोन देखने को मिल सकते हैं। और आने वाले सालों मैं ऐसा लगता है की सारी कंपनिया फोल्डेबल फोन बनाएंगी जैसे की आज अल्ट्रा प्रीमियम प्राइस मैं नोर्मल फोन चलते जा रहे हैं वैसे आने वाले समय मैं आपको 35 या 40 हजार मैं फोल्डेबल फोन आ सकते हैं। 


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